अंततः जीवन में सुबह हुई !!
अंततः हमारे जीवन में सुबह हुई, हालांकि यह सुबह कोई भोर नहीं है पर हम यह कह सकते हैं कि हम सुबह उठे हैं. हा हा हा
अब हम हनुमान जी से हुई अपनी वार्ता की व्याख्या बताने के बजाय सीधे निष्कर्ष बताना चाहेंगे ताकि कार्य शीघ्रता से संपन्न हो सके और हम हनुमान जी की आशाओं पर खरे उतर पायें.
हम अपनी दिनचर्या में आज निम्न सुधार करके हनुमान जी के समक्ष प्रस्तुत थे.
१. दोपहर ११:३० बजे तक उठ जाना.
२. १:१० बजे तक लैट्रिन जाना.
३. २:०० बजे तक ब्रश करना.
४. २. २:४५ बजे तक चाय पीना.
५. ३:०० बजे तक नहाना.
६. ६:३० बजे तक लंच करना.
७. ७:३० बजे तक इक्सरसाइज़ करना- १३ डिप्स.
८. ११:०० बजे तक डिनर करना.
प्रत्येक कार्य में एक घंटा सुधार और तीन डिप्स भी बढ़ाई.
अब कल के लिए हमेँ एक घंटा पूर्व उठने का लक्ष्य मिला है.
हनुमान जी : तो कल पुनः एक घण्टे का सुधार.
हम मुदित और आशाओं से भरा हुआ मन लेकर हनुमान जी के सामने से उठे......
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.घूमे.
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और मंदिर के बाहर................
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