हमारी सोमवार की विजय और मंगलवारीय उत्सव
मंगलवार का दिन और हमारी विजय का भी...
अरे कल हम आलेख लिखने में सफल रहे पूरे सात आलेख वो भी तीन-तीन भाषाओँ में.
और हाँ, हम ढाई बजे जागे भी.
सच में हनुमान जी महान हैं.
अब हम एक नयी दिनचर्या के साथ हनुमान जी के सामने थे.
१. २:३० बजे तक उठ जाना.
२. ३:४५ बजे तक चाय पीना.
३. ४:१० बजे तक लैट्रिन जाना.
४. ५:०० बजे तक ब्रश करना.
५. ७:०० बजे तक नहाना.
६. ११:०० बजे तक भोजन करना.
हनुमान जी इसे पढ़े और हँसे : ह ह ह अभी बहुत ही सुधार की जरूरत है.
अब आप हमारी एक सलाह मानेंगे !!
राजीव : अरे कैसे नहीं मानेंगे ! आखिर आप ने हमेँ एक घंटा पहले जगाया है. हम तो आपके दास हुए प्रभु.
हनुमान जी : अभी आप ढाई बजे ही जागिये और अन्य बातों को सुधारिये.
राजीव : जैसे ?
हनुमान जी : जैसे कि दो बार भोजन करिये. :)
राजीव : जी.
हम मंगलवार का लक्ष्य लेकर ह्रदय में विचार करते हुए शांतिपूर्वक उठे......
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.घूमे.
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और मंदिर के बाहर.................
3 comments on "हमारी सोमवार की विजय और मंगलवारीय उत्सव"
बस देखना है कि आगे क्या होगा !!
अभी तो बस हनुमान जी की हर बात मानते हुए निरंतर आगे ही बढते रहने का प्रयास ही कर रहा हूँ.
धन्यवाद.