एक और हार पर हनुमान जी का साथ !!
हनुमान जी को वचन दिया था कि हम तीन भाषाओं में सात आलेख लिखेंगे तो वह हमारी दिनचर्या में एक घण्टे का सुधार कर देंगे. पर हम अनुत्तीर्ण हुए. :(
क्या करते !!......
बस एक आलेख लिख पाए वह भी संस्कृत में.
और हार हुआ मुंह लेकर हम हनुमान जी के सामने बुधवार को पहुंचे.
राजीव : जय बजरंग बली !!
हनुमान जी : आओ पुत्र कैसे हो !!
राजीव : हनुमान जी, कल हम दूसरी बार अनुत्तीर्ण हुए हैं. पिछली बार निराश हुए तो ४-५ दिन तक मंदिर ही नहीं आये थे पर इस बार हम आप से ही इस समस्या का हल जानना चाहते हैं !!
आप ही बताइये कि जब एक ही दिन में सात आलेख लिख पाने की हमारी क्षमता ही नहीं है तो कैसे हम कर पायेंगे ?
हनुमान जी : लाओ समय-सारिणी तो दिखाओ !!
राजीव : हाँ जी, लीजिए.
(हमने अपनी दिनचर्या उनकी ओर बढाते हुए ताज़ी गरमा-गरम बुनिया भी बगल में रख दी.)
अरे करना पड़ता है मित्रों !! ऐसे ही हनुमान जी से बात नहीं हो जाती है !!
हनुमान जी दिनचर्या को पढते हैं-
हनुमान जी :
१. २:३० बजे तक उठ जाना.
२. ४:१० बजे तक लैट्रिन जाना.
३. ५:०० बजे तक ब्रश करना.
४. २. ५:४५ बजे तक चाय पीना.
५. ६:०० बजे तक नहाना.
६. ९:३० बजे तक लंच करना.
७. १०:३० बजे तक इक्सरसाइज़ करना- ६ डिप्स.
८. ११:०० बजे तक डिनर करना.
(हनुमान जी पढकर मुस्कुराए) ह ह ह, हम खुश हुए, तुमने अपना कार्य ईमानदारी(सच्चरित्रता) से किया है. तुमने कल ३ डिप्स किये थे और आज ६ किये हैं, यानि कि दूना प्रयास.
और सबसे बड़ी बात ये कि तुमने बेड-टी की आदत भी सुधार ली है, जो अभी कल भी दिख रही थी और तुम्हारी दिनचर्या में वापस आ गयी थी !!
हम तुम्हें थोड़ी सी ढील देना चाहेंगे. तुम कल से कोई आलेख मत लिखना !!
( यह सुनके एक बार तो हमको विश्वास ही नहीं हुआ, एक पल को यह भी लगा कि कहीं हनुमान जी नाराज़ तो नहीं न हो गये !!)
हनुमान जी : हम तुम्हें एक घंटा पहले कल जगा देंगे पर तुम्हें अपनी दिनचर्या के हर काम का समय सुधार करना होगा.
राजीव : हम तो यही चाहते ही थे जी !! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हनुमान जी !!
हम एक घंटा पहले जागने का लक्ष्य लेकर हनुमान जी के सामने से उठे......
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.घूमे.
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और मंदिर के बाहर................
7 comments on "एक और हार पर हनुमान जी का साथ !!"
मतलब कि आप कितनी ही ध्यान से पढ़ती हैं गूगल बज़ की बात को यहाँ पर जोड़ दिया.
हा हा हा