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अब दो बजे तक सो जाने की अनिवार्यता !!

ऐसे लेख इस श्रेणी में हैं-


दिन : बृहस्पतिवार, 24-6-30
स्थान : हनुमान मन्दिर
समय : रात्रि के साढ़े ग्यारह
व्यक्ति : बस दो (एक प्रभु हनुमानजी और दूसरा उनका भक्त राजीव)
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राजीव : प्रणाम प्रभु जी ! (घंटी बजाकर और दोनों हाथ श्रद्धापूर्वक जोड़ते हुए बोले)
हनुमानजी : ह ह ह, आओ आओ...क्या बात है बड़े प्रसन्न दृष्टिगोचर हो रहे हो !
राजीव : कुछ नहीं एक चुटकुला याद आ गया था, उसी के बारे में सोच रहा था.
हनुमानजी : ह ह ह, अरे हमें भी तो सुनाओ हम भी तो थोड़ा सा हंस लें !
राजीव : आप !!! और हँसेंगे !!!!!
आप तो हमेशा ही हँसते रहते हैं !! हा हा हा
हनुमानजी : अरे वो तो तुमको देख के हंसी आ जाती है, ह ह ह. ये हंसी तो सहज स्वाभाविक है !!
राजीव : अच्छा जी ! तो हम आपको जोकर लगते हैं !! (कुछ रुष्ट होने का अभिनय करते हुए)
हनुमानजी : ह ह ह..अरे बालक मेरा वो मतलब नहीं था...तुम्हारी बाल-सुलभ जिज्ञासाएं और तुम्हारी बौद्धिक चपलता आह्लादित करती है...ह ह ह .
राजीव : अच्छा जी, अब आप समय-सारिणी भी तो देखें, आवश्यक बात तो आप भूल ही जाते हैं हमेशा.
हनुमानजी : ह ह ह.....अरे ले आओ भाई ! अब तो हम बूढ़े हो चले हैं कम दिखता और सुनाई देता है और बुद्धि भी कम चलती है, तुम्हीं स्मरण दिला दिया करो.
(पता नहीं क्यों भावुक बातें मुझे बिलकुल ही अच्छी नहीं लगतीं !!! ये मेरा बचपन का स्वभाव है. हनुमानजी की ये बातें भी अच्छी नहीं लगीं)
राजीव : (इसके पहले कि वे और कुछ कहते हमने समय-सारिणी उनकी ओर बढ़ा दी.)ये लीजिए हमारा प्रगति-पत्र....
हनुमानजी : आज कब जगे....!! (वे पढते हैं)

. सुबह :०५ बजे तक उठ जाना.
. :५५ बजे तक ब्रश करना.
. १०:२५ बजे तक चाय पीना.
. १२:५० बजे तक स्नान करना.
. :१० बजे तक भोजन करना.
. :५० बजे तक व्यायाम करना. -१६, डिप्स.
. ११:१५ बजे तक रात्रि-भोज करना.

ये क्या !!! ये तो कल वाली ही है !!
राजीव : नहीं ये आज की ही है पर कल वाली जैसी ही है. !!
हनुमानजी : यानि कि कोई सुधार नहीं !!
राजीव : (सिर झुकाए हुए) नहीं.
हनुमानजी : क्यों ?
राजीव : क्योंकि हम सुधार नहीं कर पाये...क्योंकि हम उसी समय जगे जिस समय पर कल जगे थे...
(बात काटते हुए)
हनुमाजी : क्या उसी समय-जिस समय लगा रखा है !!!....सीधे बताओ कि सुधार क्यों नहीं हुआ !!!
राजीव : (कुछ झुंझलाते हुए) पता नहीं...आप ही बताइये !!!
हनुमानजी : वाह आप की प्रत्येक समस्या का हल हम ही दें !!!......बहुत खूब. !!
राजीव : और नहीं तो क्या...!! आप हनुमानजी फिर किसलिए हैं !!
हनुमानजी : अच्छा जी, तो क्या आप कुछ भी काम हमसे करवा लेंगे. !!
राजीव : (हम समझ गये कि बात बिगड रही है अतः कुछ संभालते हुए बोले) अरे प्रभु ! हमारा वह तात्पर्य नहीं है, हम तो यह कहना चाह रहे हैं कि अब हम यदि उसी समय पर उठे हैं तो कोई कारण तो होगा ही और हम समझ नहीं पा रहे हैं तो आप ही दृष्टि डालिए न !! आप तो बुद्धि दाता है प्रभु !!
हनुमानजी : बस-बस मक्खन नहीं !! हम देखते हैं कि क्या कारण है कि आप ठस हो गये हैं !!!
(कुछ देर सोचते हुए.....फिर बोले)
आप सोते कब हैं ?
राजीव : यही कोई डेढ़, ढाई, तीन, साढ़े तीन तो बज ही जाता है.
हनुमानजी : यही बात है....अब पकड़ में आई है !!
अब व्यक्ति तीन बजे सोयेगा तो नौ बजे तो जागेगा ही !!
अब कल से आप रात्रि के दो बजे पर्त्येक स्थिति में सो ही जायेंगे.
राजीव : (मैं चौंका) क्या ??????
ये कैसे हो सकता है ??????
और वो गूगल बज़ !!!!
और ये ब्लोगिंग !!!!!
अरे नहीं नहीं ये कैसे हो सकता है !!!
हनुमानजी : जो प्रगति में बाधक और अवरुद्धक हैं उनको तो हटाना ही पड़ेगा.
राजीव : हाँ....वो तो ठीक है पर.....लेकिन.....
हनुमानजी : अब लेकिन के पर न उगाइये कल आप रात्रि दो बजे सो जायेंगे और प्रतिदिन सोने का समय यथाशक्ति और घटाते जायेंगे अर्थात और पहले सो जायेंगे. इतना ही नहीं प्रतिदिन न्यूनतम पाँच मिनट तो सुधार करना अनिवार्य ही है.
(हम तो बड़ा ही दण्डित अनुभूत कर रहे थे. ;-(
पर कर भी क्या सकते थे. !!!)
राजीव : प्रभु कोई अन्य उपाय......!!!
हनुमानजी : क्या नौ बजे से पहले नहीं जागना है !!!
राजीव : जागना है...पर
हनुमानजी : फिर से पर....!! अब अगर दोबारा पर किया तो बारह बजे ही सोना पड़ेगा !!!
राजीव : (गिडगिडाते हुए) नहीं महाराज !! ऐसा नहीं करिये. दो बजे ही ठीक है.......
(आज हम स्वयं को बहुत ही दण्डित समझ रहे थे पर क्या हम वास्तव में दण्डित थे !!!
क्या हम दण्ड के अधिकारी थे !!!
ये तो राम ही जाने.
पता नहीं कैसी-कैसी और कितनी परीक्षाएं वह लेंगे !!!!)
यही विचार करते हुए हम शांतिपूर्वक हनुमान जी के सामने से उठे......
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.घूमे.
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और मंदिर के बाहर................

3 comments on "अब दो बजे तक सो जाने की अनिवार्यता !!"

  • July 1, 2010 at 10:42 AM
    जय श्री राम - जय हनुमान !!
  • Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji जी कहते हैं...
    July 2, 2010 at 10:13 PM
    समझ गये प्रभु आपके सूक्ष्म संकेताक्षरों को. :-D
  • lovely kankarwal जी कहते हैं...
    July 2, 2010 at 10:35 PM
    समय की चाल है महाराज ,,, अत: हम समय को नही बदल सकते . हमें ही समय के अनुसार बदलना पढ़ेगा, आखिर बदलाब ही जीवन है,, देखते है की अब समय आपके जीवन में कौन कौन से रंग बदलता है,,,


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