आज हनुमानजी नहीं आये !!
कोई भी कुछ भी समझे पर हम निष्ठापूर्वक दिनचर्या को सुधार रहे हैं. हनुमानजी भी पता नहीं क्यों इस बात को नहीं समझते हैं !!
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दिन : रविवार, 11-7-10.
स्थान : हमारा मन्दिर मतलब घर.
समय : रात्रि 4:20 बजे.
व्यक्ति : बस दो !!
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हमें नींद आ रही थी और अब तक हनुमानजी का कुछ पता नहीं चल रहा था.
क्या बात है भाई !
हनुमानजी गये कहाँ !
क्या हुआ हनुमानजी रुष्ट तो नहीं न हो गये !
अरे वही तो एकमात्र मार्ग हैं जो प्रभु श्रीराम तक हमको ले जा सकते हैं.
इन्हीं सब चिंताओं से मन घिरा हुआ था. हम दिनचर्या हाथ में लिए हुए थे. हम दिनचर्या को स्वयं ही पढते हैं,
दिनचर्या कुछ इस तरह से थी :
१. ३:३० बजे तक उठ जाना.
२. ४:०० बजे तक चाय पीना.
३. ४:४० बजे तक लैट्रिन जाना.
४. ५:१५ बजे तक ब्रश करना.
५. ६:१५ बजे तक व्यायाम करना. २ डिप्स.
६. ७:०० बजे तक स्नान करना.
७. ८:०० बजे तक भोजन करना.
८. १२:२० बजे तक रात्रिभोज करना.
९. ४:०० बजे तक सो जाना.
और इस प्रकार से हमने नौ सुधारों के रूप में सभी कार्यों में समय जोड़ा था पर हनुमानजी अभी तक नहीं आये....
अब हमें नींद आ रही है.....शुभरात्रि हनुमानजी.
कुछ लोग की चिंता में नींद उड़ जाती है, हमको तो और तेजी से लग रही है. !!
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