अब दोपहर तीन बजे तक उठ जाते हैं :-) पर कुछ अंधेरापन है !
वैसे रामजी से मिलने को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है पर दिनचर्या में प्रगति को हम उसी दिशा में बढ़ा एक दृढ पग मान रहे हैं परन्तु हनुमानजी...!!
उनका कोई पता ही नहीं चल रहा है !
सर्वत्र अन्धकार ही दिख रहा है.
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दिन : बुधवार, 14-7-10.
स्थान : हमारा घर.
समय : रात्रि 03:40 बजे.
व्यक्ति : एक हम बस और दूसरा कोई नहीं. एक हनुमानजी थे पर.... !!
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14-7-10
अब हम दोपहर तीन बजे तक उठ जाते हैं और यही हमारी आज की आज की बड़ी उपलब्धि है.
आज की दिनचर्या कुछ इस तरह से थी :
1. 3:00 बजे तक उठ जाना.
2. 3:30 बजे तक चाय पीना.
3. 4:10 बजे तक लैट्रिन जाना.
4. 4:45 बजे तक ब्रश करना.
5. 5:45 बजे तक व्यायाम करना - 5 डिप्स.
6. 6:30 बजे तक स्नान करना.
7. 7:30 बजे तक भोजन करना.
8. 11:50 बजे तक रात्रिभोज करना.
9. 3:30 बजे तक सो जाना.
वैसे सभी नौ कार्यों का समय सुधरा है पर रात्रिभोज, अब रात्रि बारह बजे के पहले संपन्न हो गया और अब इसे बनाए रखने का प्रयास रहेगा और साढ़े तीन बजे तक सो भी जाया करेंगे और आज सो भी साढ़े तीन बजे तक गये.
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