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पथ-प्रदर्शक ही भाग खड़ा हुआ !!

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दिन : मंगलवार, 13-7-10.
स्थान : हमारा घर.
समय : रात्रि 4:00 बजे.
व्यक्ति : एक हम, दूसरे हनुमानजी पर उनकी उपस्थिति छाया रूप में है !!
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13-7-10
हनुमानजी पिछले कुछ दिनों से गायब हैं और हमें हमारी दिनचर्या अकेले ही वहन करनी पड़ रही है. (!!)
आज की दिनचर्या कुछ इस तरह से थी :
1. 3:10 बजे तक उठ जाना.
2. 3:40 बजे तक चाय पीना.
3. 4:20 बजे तक लैट्रिन जाना.
4. 4:55 बजे तक ब्रश करना.
5. 5:55 बजे तक व्यायाम करना - 4 डिप्स.
6. 6:40 बजे तक स्नान करना.
7. 7:40 बजे तक भोजन करना.
8. 12:00 बजे तक रात्रिभोज करना.
9. 3:40 बजे तक सो जाना.
आज कुछ विशेष और नवीन समाचार नहीं है. बस प्रार्थना करिये कि हनुमानजी मिल जाएँ और फिर वह प्रभु श्रीरामजी तक ले जायें.
बड़ा लफड़ा हो गया भाई !
एक को खोज रहे थे, वह तो मिला नहीं, उलटे पथ-प्रदर्शक ही भाग खड़ा हुआ !!
अब उसी को खोजते फिर रहे हैं !!
अरे ! हनुमान जीsssss !!
कहाँ हो दीनानाथ !!
दर्शन दो महाराज !!
आप लोग भी प्रार्थना करिये........ मगर सच्चे मन से.

4 comments on "पथ-प्रदर्शक ही भाग खड़ा हुआ !!"

  • lovely kankarwal जी कहते हैं...
    July 27, 2010 at 10:49 PM
    कर्म करते रहो फल की इच्छा ना करो., आपके कर्म बहुत अच्छे है और इसका फल जल्दी ही मिलेगा....
  • lovely kankarwal जी कहते हैं...
    July 27, 2010 at 11:10 PM
    एहसान जताने की जरुरत क्या थी,
           भाग जाना था तो आने की जरुरत क्या थी.
    हाल पूछा भी नही हाल बताया भी नही,
           ऐसे ही भाग जाना था तो आने की जरुरत क्या थी.
      आंधियां आती है आएँगी ये यकीं था तुमको,
               फिर भला विश्वास दिलाने की जरुरत क्या थी,.. 
  • August 14, 2010 at 10:11 AM
    kahan ho prabhu bachche ko tang mat karo...
  • aflatoon जी कहते हैं...
    April 4, 2011 at 4:40 PM
    path pradarsak bhag nahi sakta hai kyonki yadi wo hai to har disha sahi hogi


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