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एक विचित्र परिवर्तन !

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छब्बीस जून तक सब कुछ सही चल रहा था और हम नियमित रूप से मंदिर जा रहे थे.
यही लग रहा था कि कुछ दिनों तक मंदिर आयेंगे फिर एक दिन जब सब सुधार संपन्न हो जायेंगे तो हनुमानजी प्रभु श्रीराम जी तक ले जायेंगे.पर....
हम अस्वस्थ हो गये और शय्या पर पड़ गये. हमको लगने लगा कि अब तो बस मर ही जायेंगे और राम जी से मिलना तो रह ही जाएगा. अब क्या किया जाय !!
यही सोच-सोच कर मन व्याकुल हुआ जा रहा था.
फिर कुछ ऐसा घटा जो कि अचम्भे में डालने वाला था !!
हमने अपने जीवन में ऐसा नहीं सोचा था !!

अब आगे पढ़ें कि क्या हुआ.....

2 comments on "एक विचित्र परिवर्तन !"

  • lovely kankarwal जी कहते हैं...
    July 23, 2010 at 4:30 AM
    अरे अरे क्या हुआ प्रभु सब ठीक तो है ना ,, क्या हुआ था आपको .. मेरी प्रभु श्री राम जी के श्री चरणों प्राथना है , की आप एक लम्बी और बेहतर जिन्दगी जिए,,,, कृपया ऐसे मत लिखा करे,,
  • February 16, 2011 at 12:14 AM
    सब प्रभू कृपा है
    जै हो


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